Wednesday, November 23, 2016

Building of Relationship and Caring - संबंधों का निर्माण और उनका ख्याल

संबंधों का निर्माण और उनका ख्याल 
(Building of Relationship and Caring)

कार्य क्षेत्र में काम को पूर्ण कर लेना या फिर अपने मेनेजर के आदेशों का पालन कर लेने मात्र से कोई कार्य सम्पूर्ण हुआ ऐसा पूर्णतः रूप से माना नहीं जा सकता।  कर्मचारी और नियोक्ता के बीच एक सफल परिणाम  ही किसी सफलता को संबोधित करता है, और यहीं से दोनों के बीच संबंधों के निर्माण की नींव स्थापित होती है। 

किसी टीम और टीम मेंबर्स को उनके पदानुक्रम के हिसाब से चुन कर उनको स्थापित करना और टीम के बीच उचित सामंजस्य भी कर्मचारी और नियोक्ता के बीच सफल परिणाम को व्यक्त करता है। 

तीन चीजें जो की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं : कर्मचारियों से बात करना, उनमे शामिल होना और उनको उनकी बातें सुनने और रखने के लिए समय देना।  उनके विचार, समस्याएं और तार्किक बातें सुधार प्रणाली में बहुत लाभ के हो सकते हैं। 

कार्य क्षेत्र में, कर्मचारी और नियोक्ता के बीच पर्सनल रिलेशनशिप (व्यक्तिगत सम्बंध) भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

ग्राहक को भारत देश में भगवान् माना जाता है और सही मायने किसी संगठन के लिए ग्राहक जीवन रक्त के सामान ही है । ग्राहक और संगठन के बीच की सेवा और स्वागत ही महत्वता दर्शाती है। और यही महत्वता कर्मचारी के द्वारा ग्राहक को प्रेषित होती है।  इस प्रक्रिया में कर्मचारी , नियोक्ता और ग्राहक के संबंधों  और उसके ख्याल को दर्शाता है। उत्पाद और उत्पादों से ग्राहक की संतुष्टि भी इन्ही संबंधों से सुनिशित होती है। व्यवहारिक और कुशल व्यवहारिकता में अंतर तो जरूर होता ही है और यही कुशलता लाभ और हानि सीमा भी तय कर देने के लिए काफी होती है। बाजार में प्रतिस्पर्धी होने के लिए, आपकी सर्विस १००% होना, सुनिश्चित होना चाहिए जिससे की ग्राहक को उत्पाद और सेवा की कमी ना हो और व्यापार अधिकतम की तरफ हो। 

आज के इस युग और पीढ़ी में, मार्केटिंग के विकल्प और साधन बहुत है किसी भी माध्यम की कमी की गुंजाईश ना के बराबर है।  प्रतिश्पर्धियों की कमी नहीं है। आज के वैश्विक समय में , ई -मेल , फ़ोन कॉल्स, SMS , लेटर पोस्ट और अनेकों मोबाइल ऍप्लिकेशन्स जैसे साधन मौजूद हैं, जिससे हम लोगों से हर समय कनेक्ट रह सकते हैं , उनसे बात कर सकते है, उनको संबोधित कर सकते हैं, अपने बारे में और उत्पादों के बारे में राय और सलाह साझा कर सकते हैं।  और इन्ही माध्यमो से अपनी ग्राहक सेवा को बढ़ावा दे सकते हैं , लोगों को भी जानकारी रहेगी की आप उन्हें याद करते हैं। 

कर्मचारियों को उनके बेहतर कार्य के लिए पुरस्कृत करना और बढ़ावा देना, उन्हें मानसिक तौर पर सकारत्मक बनाता है, उनकी लगन शीलता और आत्म विश्वास को बढ़ता है। एक सुदृढ़ एवं  परिपक्व टीम ही किसी संगठन को लाभप्रद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 

पर्सनल रिलेशनशिप (व्यग्तिगत संबंध ) :

सत्य तर्क तो यह है की नौकरी में तो एट्रिशन हो सकता है और संभव भी है , लेकिन पारिवारिक और सामाजिक एट्रिशन मानव को परिवार और समाज दोनों से अभिन्न कर देती है। पारिवारिक और सामाजिक नैतिकताएं को जोड़ कर और संजो कर कायम रखने से आप समाज के अभिन्न अंग बन जाने की क्षमता रख पाते हैं।

लेखक,
प्रवीण त्रिपाठी 

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