Wednesday, April 8, 2015

शब्दों की पुनरावृत्ति और उससे नकारात्मकता - Repetition of words and negativity by that

शब्दों की पुनरावृत्ति और उससे नकारात्मकता 

(Repetition of words and negativity by that)

A Blog in Hindi Language for Human Resource - मानव संसाधन के लिए एक ब्लॉग हिंदी भाषा में

शुरू करता हूँ एक कहावत या फिर आप इसे पुरानी और छोटी सी कहानी ही मान लीजिए। 

" किसी छोटे से गाँव में एक आदमी रोज गाँव वालों को चिल्ला-चिल्ला कर ऊँची और डरी हुई आवाज़ में पुकारते
हुए कहता की, बचाओ - बचाओ मुझे ये शेर खा जायेगा। और गाँव वाले रोज़-रोज़ आये दिन उसकी इस तरह की पुकार सुनके उसके पास जाते और देखते; तो वहां उन सब लोगों को कोई शेर तो क्या, बल्कि कोई भी खतरनाक जानवर आस-पास नहीं दिखाई देता था। 

गाँव वाले अपने आपको ठगा सा महसूस करते और बेचारे वापस अपने-अपने घरों की ओर चले जाते। यह प्रक्रिया कुछ दिनों तक लगातार यूं ही चलती रही।

एक दिन ऐसा आया की सच में उस आदमी के पास सचमुच का शेर आ गया और वो डर के मारे ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगा, बचाओ-बचाओ गाँव वालों मुझे ये शेर खा जाएगा। 

और तब, गाँव वाले ये जानकार नहीं आये की वो उन्हें फिर से रोज़-रोज़ आये दिन की तरह बेवक़ूफ़ बना रहा होगा।  जबकि इस बार सब कुछ सत्य और सही था। 

अंत में शेर उस आदमी को खा गया। "

मूलतः मेरे लिखने का कारण यह है की मानव संसाधन विभाग बहुत ही महत्वपूर्ण होता है किसी भी संगठन के लिए।  हालाँकि ये मेरे लिखने या फिर बोलने मात्र केवल से सिद्ध नहीं होता चूँकि यह पहले से ही सत्य और निर्दिष्ट सत्य है।

मानव सांसाधन प्रतिनिधियों को आए दिन प्रबंध से और कर्मचारियों से बहुत प्रकार से और बहुत प्रकार की बातें, पत्राचार और ईमेल करने होते हैं। 

यूं तो मैंने भी महसूस किया है की अन्य विभाग के कर्मचारी मानव संसाधन विभाग को ये कहते पीछे नहीं हटते की मानव संसाधन विभाग में काम ही क्या रहता है केवल बातें और वादे और वो भी घुमा फिरा के एक ही तरीके के।  यह वाक्य हंसी को भी सम्बोधित कर रहा है लेकिन सत्य भी है।  यदि आप इस विभाग के नहीं होंगे तो हंस जरूर रहे होंगे। 

चलिए अब मैं आपको अपने पुरे वाक्यों को सूक्ष्म रूप भाव में व्यक्त करता हूँ : कि किसी भी बात को और शब्दों को बार - बार नहीं दोहराना चाहिए, लेकिन यह भी सुनिश्चित कर लेना बहुत जरूरी होता है की कही गयी बात और शब्दों में पुनः कोई तर्क ९९.९९ %  और विराम ना हो।

अन्यथा आपका यह नकारात्मक व्यवहार क्षति कर सकता है, आपके विभाग, संगठन और आपके व्यक्तित्व की। 

(कहानी से एक तर्क : बार-बार झूठे शेर को बता के या सम्बोधित करके, भीड़ इकट्ठा करना और एक दिन खुद उसी सच्चाई की बलि चढ़ जाना एक तरह की विसंगति ही है। )

"विसंगतियों को दोहराने से एक दिन विसंगति आपको हानि पहुँचा सकती है ऐसा मेरी कहानी से प्रवित्त होता है और सारांश भी यही उद्बोधित करता है।"

धन्यवाद ! मेरे उपरोक्त कथन और शब्दों पर अपनी राय जरूर दीजियेगा।

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